आपका वजन कितना है?

उम्र के साथ-साथ वजन भी डायबिटीज़ के खतरे को बहुत हद तक बढ़ा या घटा सकता है। अगर वजन संतुलित नहीं है, तो शरीर में इन्सुलिन का असर कम होने लगता है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।

ज़्यादा वजन वालों में डायबिटीज़ का जोखिम दुगुना हो सकता है – लेकिन कभी-कभी दुबले लोगों को भी खतरा होता है अगर उनकी जीवनशैली असंतुलित हो।

इसलिए अब अगला कदम है – अपने वजन की स्थिति को पहचानना। नीचे दिए गए विकल्पों में से अपने अनुसार चुनिए ताकि हम आगे के संकेत समझ सकें।

आपका वजन किस कैटेगरी में आता है?

वजन और डायबिटीज़ का सीधा संबंध है, खासकर टाइप 2 डायबिटीज़ में। जब शरीर में अतिरिक्त चर्बी होती है, खासकर पेट के आसपास, तो इन्सुलिन का असर कम होने लगता है। इस स्थिति को “इन्सुलिन रेज़िस्टेंस” कहते हैं, जो डायबिटीज़ का पहला कदम हो सकता है।

भारत में अधिकतर लोग अपना वजन BMI (Body Mass Index) से नहीं मापते, जिससे उन्हें अपने जोखिम का अंदाज़ा भी नहीं लगता। BMI के हिसाब से अगर आपका वजन सामान्य से ऊपर है, तो आपको अधिक सतर्क रहने की ज़रूरत है। लेकिन केवल BMI ही सबकुछ नहीं होता – आपकी कमर की चौड़ाई, खानपान की आदतें और एक्टिविटी लेवल भी बहुत मायने रखते हैं।